
ध्यान का वास्तविक अर्थ
मै अपने अनुभव के आधार पर ध्यान का सारगर्भित अर्थ प्रस्तुत कर रहा हूँ। ध्यान का अर्थ है- 1 अस्थिरता से स्थिरता की ओर- स्थिरता 2 बाहर से अन्दर की ओर- अन्तर्मुखता 3 नीचे से उपर की ओर- उर्ध्वता 4 स्थूल से सूक्ष्म की ओर- सूक्ष्मता 5 जड़…

श्री रामलाल जी सियाग- एक अद्वितीय महात्मा
भारत भूमि संतो-महात्माओं का प्रिय स्थल रही है| मुझे इसके दो कारण नज़र आते है- पहला – शाकाहार की व्यापकता, दूसरा – विचारों की उदारता । शाकाहार और वैचारिक उदारता यहाँ के निवासियों का मूल स्वाभाव है| यही कारण है की सबसे ज्यादा दार्शनिक विचारधाराओं की उद्गम स्थली…