सूर्य की किरणों का कोण इस धरती के निवासियों की शारीरिक और आर्थिक अवस्था का निर्धारण करता है। भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणे सीधी पड़ती है। वहाँ रहने वाले निवासियों का रंग काला हो जाता है और जलवायु ऊष्ण हो जाती है। भूमध्य रेखा अफ्रिका महाद्वीप के मध्य से गुजरती है। ज्यादा तापमान के कारण वहाँ की जमीन बंजर हो जाती है और रेगिस्तान बन जाते है। सहारा रेगिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है जो की भूमध्य रेखा पर स्थित है। इसी वजह से वहा पर खेती नहीं हो पाती और खेती का किसी भी देश की जीडीपी से सीधा सम्बन्ध है । जब सूर्य की किरणों का कोण 23.5 डिग्री से ज्यादा होता है तो जलवायु शीतोष्ण हो जाती है और इस भौगोलिक स्थिति पर रहने वाले लोगो का रंग गोरा होता जाता है।

कर्क और मकर रेखा से ध्रुवो की ओर के देशो में ही कृषि योग्य भूमि ज्यादा है, जिससे वहाँ की जीडीपी भी ज्यादा है और आर्थिक विकास की दर भी तेज है। जैसे सूर्य की किरणों का कोण हमारी शारीरिक और आर्थिक अवस्था का निर्धारण करता है, ठीक ऐसे ही बाकि 8 ग्रहो की किरणों का कोण भी हमें प्रभावित करता है। इसी प्रभाव को जानने की विधि का नाम ज्योतिष है। हमारे महर्षियों ने सभी नो ग्रहो के प्रभावों का अध्ययन करके ज्योतिषविद्या की रचना की। जन्मकुण्डली में लग्न की वही भूमिका है जो पृथ्वी पर भूमध्य रेखा की।

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