ज्योतिष को वेदो का चक्षु कहा गया है। ज्योतिष एक ऐसा विज्ञान है जिसे हमारे ऋषि-मुनियों ने अपनी अन्तर्दृष्टि से प्रकट किया है। क्या आपको लगता है कि वे हमें भाग्यवादी बनाना चाहते थे? जी नहीं, ज्योतिष हमें भाग्यवादी नही बनाता। दरअसल महर्षि हमें बताना चाहते थे कि कर्मो का कानून अपना फल अवश्य दिखता है। क्या कोई व्यक्ति अपराध करने के बाद अपना भेष और स्थान बदलकर कानून की पकड़ से बच सकता है। वो अपना DNA कैसे बदलेगा? वो अपने अंगूठे की छाप कैसे बदलेगा? अंगूठा भाग्य का दर्पण होता है। इस प्रकार भले ही हमारा जन्म और देश बदल जाए लेकिन कुदरत हमारे कर्मो के फल को हम तक पहुचां ही देती है। कुदरत अपने Software में सारा  Record रखती है। Mobile (शरीर) बदलता है SIM (आत्मा) नहीं और इस बदलाव के वक्त कुदरत Memory Card का Data अपने Software में Save करके Format मार के वापस दे देती है। इस प्रकार Mobile (शरीर) नया होता है लेकिन SIM (आत्मा) और Memory Card (मन) वही होते है।

अपनी पुस्तक ज्योतिष रत्न में मैने भाग्य और कर्म के इस रहस्य को विस्तार से समझाया है। भाग्य का अर्थ प्रतिबंध नहीं प्रतिक्रिया है। न्युटन की गति का तीसरा नियम भी यही कहता है कि प्रत्येक कर्म कि उतनी ही प्रतिक्रिया विपरीत दिशा में अवश्य होती है। ज्योतिष एक ऐसा विज्ञान है जो हमारे पिछले जन्म के कर्मो के परिणम को प्रतिकात्मक भाषा में दर्शाता है। हम सभी का Heredity के रुप में एक इतिहास है। इस इतिहास को ज्योतिष के द्वारा जाना जा सकता है। ज्योतिष का मकसद किसी को डराना नही है। यह हमारे जीवन को आसान बनाने में हमारी मदद करता है। ज्योतिष के उपाय ठीक इसी प्रकार मदद करते है जैसे यदि किसी का HB कम है तो  Supplement की मदद से उसका  HB तो बढाया जा सकता है लेकिन Blood Group नही बदला जा सकता। इसका उपाय शास्त्र शुभ कर्मो के महत्व को दर्शाता है। ज्योतिष हमारे भीतर दान देने और ईश्वर कि आराधना के भाव जगाता है।

Previous Next
Close
Test Caption
Test Description goes like this