• महात्मा बुद्ध और मृत्यु

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  • Attention is the characteristic of mind and consciousness is of soul

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  • A Spiritual Manuscript(written 2500 years ago for me)

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महात्मा बुद्ध और मृत्यु

मृत्यु के दृश्य ने महात्मा बुद्ध पर गहरा असर डाला। आइये आज बुद्ध जयंती के अवसर पर उन्हें याद करे। यदि कोई इस तरह जीये कि वह मरेगा ही नहीं या इस तरह मरे कि वह जियेगा ही नहीं तो वह कभी सुखी नहीं रह सकता। जिस प्रकार अन्धकार का कोई अस्तित्व नहीं, प्रकाश की अनुपस्थिति ही अन्धकार है। उसी …

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Thales of Miletus (624-550BC)

ईसा पूर्व छठी सदी से चौथी सदी का काल ग्रीक काल के नाम से जाना है। अन्धकार युग के बाद इसी काल में ज्ञान की शुरुआत हुई थी। इस काल को पेरिक्लीज़ युग के नाम से भी जाना जाता है। सम्राट पेरिक्लीज़ ने ही इस देश का नाम युनान रखा था। 145 ईस्वी में रोमनो ने इस पर अधिकार कर …

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Book Released : Man ki 100 Baten

जीवन का लक्ष्य है-ठहराव। क्योंकि भागता हुआ व्यक्ति हाँफते हुए मर जाता है लेकिन दौड़ खत्म नहीं होती। भले ही हम अंधकार युग से आधुनिक युग में आ गए है लेकिन अंधेरा अब भी कायम है। अंधकार युग में आंखे अँधेरे से अंधी थी और आज प्रकाश से अंधी है। क्योंकि प्रकाश को देखने के लिए उचित दूरी चाहिए। जब …

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A Spiritual Manuscript(written 2500 years ago for me)

This has been described in detail in the most famous book on Naadi Astrology (A mystic tradition of Indian astrology) written by Shashikant Oak. He is pioneer author to introduce this tradition to the world. This book is translated in 12 languages. The name of this book is NAADI PREDICTIONS. I am specially thankful to Shri. Muthhu Kumar Samy who …

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Vegetarianism- A totally different angle

The level of the source of energy is important to spiritual uplift. Therefore, while choosing food, we should keep in mind the principle of light & reaction, because meditation is the journey of light and the source of energy will be as close as light; this journey will be equally enjoyable. We cannot escape the reaction of our own actions, …

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एक परम चेतन बिंदु – पारलौकिक ज्ञान के सन्दर्भ में

यह एक दिव्य अनुभव है। समाधि की अवस्था में यह बिंदु दोनों भवो के ठीक मध्य में प्रकट होता है और आत्मा को ठीक उसी प्रकार खींच लेता है। जैसे म्यान से तलवार खींच ली जाती है। यह बिंदु हमारे शरीर में आज्ञा चक्र पर है। इस स्थान को हम तीसरा तिल या दसवा द्वार भी कहते है। यह बिंदु …

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श्री रामलाल जी सियाग- एक अद्वितीय महात्मा

भारत भूमि संतो-महात्माओं का प्रिय स्थल रही है| मुझे इसके दो कारण नज़र आते है- पहला – शाकाहार की व्यापकता, दूसरा – विचारों की उदारता । शाकाहार और वैचारिक उदारता यहाँ के निवासियों का मूल स्वाभाव है| यही कारण है की सबसे ज्यादा दार्शनिक विचारधाराओं की उद्गम स्थली भारतभूमि ही रही है | न्याय दर्शन, सांख्य दर्शन, योग दर्शन, मीमांसा …

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