अनहद शब्द की विशेषता
प्रकार अंधकार का अपना कोई अस्तित्व नहीं है। प्रकाश की अनुपस्थिति ही अंधकार है। जिसके हाथ में प्रकाश है पूरे ब्रह्माण्ड में उसके लिए अंधकार नहीं है। इसी प्रकार जो शब्द से जुड़ा हुआ है, उसके लिए कहीं कोई दुख नहीं है। शब्द ही वह परम चेतन आनन्द…
शब्द की महिमा
शब्द एक अमर और अविनाशी जीवनधारा है। जिसने सारे ब्रह्माण्ड की रचना की है। ना तो इसका कोई आदि है, ना अंत। शब्द हर प्रकार के भय से रहित एक ऐसी स्वयंभू व सर्वशक्तिमान सत्ता है जो अपने संपर्क में आने वाली जीवात्मा को अभयदान देता है। समय…
सभी धर्मों में अनहद शब्द
संसार के सभी महान धर्मो में शब्दधुन का उल्लेख है। सभी धर्मो के महान संतों ने अपनी वाणियों में इसका वर्णन किया है। ब्राह्मी और खरोष्ठी दोनों लिपियों के अर्न्तगत आने वाली लगभग सभी भाषाओं में शब्दधुन का वर्णन मिलता है। सुमेरियन, एकेडियन, हिब्रू, ग्रीक, लेटिन, अंग्रेजी, चाइनीज़,…
Meeting with a Spiritual Scientist
In each generation of human being there are enlightened souls but it is an irony that we search them nor in the present but in the past. Here we are the victim of the “inertia of contradiction”. We want everything of present rather than spiritual Master, but this…
एक दिव्य पुरुष से भेंट
आध्यात्मिक जगत का यह अटल नियम है कि केवल जीवित सतगुरु ही जीवित शिष्य को दीक्षा दे सकता है | जिस प्रकार एक जीवित बीमार के लिए जीवित डॉक्टर की जरूरत होती है, उसी प्रकार जीवित शिष्य के लिए जीवित सतगुरु की ही जरूरत होती है | जो…